हिंदी शायरी

बहकते हुए फिरतें हैं कई लफ्ज़ जो दिल में दुनिया ने दिया वक़्त तो लिखेंगे किसी रोज़....

Saturday, April 23, 2016

ज़ख़्मे-दिल के भरने में,,,,


शायद कुछ दिन और लगेंगे ज़ख़्मे-दिल के भरने में,,,,

जो अक्सर याद आते थे वो कभी-कभी याद आते हैं....!!


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