हिंदी शायरी

बहकते हुए फिरतें हैं कई लफ्ज़ जो दिल में दुनिया ने दिया वक़्त तो लिखेंगे किसी रोज़....

Wednesday, May 11, 2016

सजा तो मिलनी ही थी..


वृद्धाश्रम में मां बाप को छोड़कर 
वो पलटा ही था की....
बाप ने आवाज़ देकर बताया
बेटा अपने मन में किसी प्रकार का बोझ मत रखना

तुझे पाने के लिए दाे बेटियो की हत्या की थी.
सजा तो मिलनी ही थी.. 


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