हिंदी शायरी

बहकते हुए फिरतें हैं कई लफ्ज़ जो दिल में दुनिया ने दिया वक़्त तो लिखेंगे किसी रोज़....

Friday, July 15, 2016

ग़ज़ल भी हो सकती है….

आज लफ्जों को मैने शाम को पीने पे बुलाया है,,,,,
बन गयी बात तो ग़ज़ल भी हो सकती है….!!

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