हिंदी शायरी

बहकते हुए फिरतें हैं कई लफ्ज़ जो दिल में दुनिया ने दिया वक़्त तो लिखेंगे किसी रोज़....

Monday, August 8, 2016

घर आये हुए अतिथि का कभी अपमान मत करना,

घर आये हुए अतिथि का कभी अपमान मत करना, 
क्योकि अपमान तुम उसका करोगे और तुम्हारा अपमान समाज करेगा

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