हिंदी शायरी

बहकते हुए फिरतें हैं कई लफ्ज़ जो दिल में दुनिया ने दिया वक़्त तो लिखेंगे किसी रोज़....

Sunday, May 15, 2016

तू मेरी सोच है....


तू मेरी सोच है....

फिर कोई और तुझे सोचे भी क्यूँ ....?


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