हिंदी शायरी

बहकते हुए फिरतें हैं कई लफ्ज़ जो दिल में दुनिया ने दिया वक़्त तो लिखेंगे किसी रोज़....

Thursday, May 12, 2016

अकेला काफी हूँ....

साथी तो मुझे अपने सुख के लिए चाहिए,,,,
दुखों के लिए तो मैं अकेला काफी हूँ..!!


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