हिंदी शायरी

बहकते हुए फिरतें हैं कई लफ्ज़ जो दिल में दुनिया ने दिया वक़्त तो लिखेंगे किसी रोज़....

Wednesday, September 21, 2016

चुटकी भर सिन्दूर

ये चुटकी भर सिन्दूर सात जन्मों का साथ है!
जो अहसास दिलाता है कि कोई है जो तुम्हारे हर दुःख में आसपास है!

ये सिंदूर नही तुम्हारी सामाजिक हिम्मत है!
जो तुम्हे देता हर मंजर पर ताकत है!!

इस सिन्दूर के अहसास को कम नही आंकना!
इसे अपनी जिम्मेदारियो का बोझ मत समझना!!

ये सिन्दूर बोझ नही तुम्हारी नैतिक जिम्मेदारी है!
इस सिन्दूर में झलकती एक भारतीय नारी है!!

इस सिन्दूर ने ही भगवान विष्णु को पत्थर सा बनाया था!
सती मईया ने अपने पति को ज़िंदा करवाया था!!

ये सिन्दूर ही है जो सबसे सुंदर नारी का सृंगार है!
ये सिर्फ सिन्दूर ही नही नारीत्व का आकार है!!



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