हिंदी शायरी

बहकते हुए फिरतें हैं कई लफ्ज़ जो दिल में दुनिया ने दिया वक़्त तो लिखेंगे किसी रोज़....

Thursday, September 8, 2016

Happy Grandparents Day

मेरी प्यारी प्यारी दादी,
सबसे सुंदर न्यारी.
जो मैं कहता वो सुनती है,
सारी बात हमारी.
मुंह के भीतर दांत नहीं है.
कुछ ऊँचा भी सुनती.
दुबले पतले हाथों से वह,
स्वेटर मेरा बुनती.
छोटे छोटे कौर बना कर,
मुझको सदा खिलाती.
राजा रानी वाले किस्से,
मुझको रोज सुनाती.
मम्मी मुझे मारती है जब,
दादी मुझे बचाती.


बड़े प्यार से हाथ फेरती,
अपने पास सुलाती.
Happy Grandparents Day!
अकल खाती है ग़म,
दादा जी कभी सिखाते थे,
पर उस समय बात उनकी,
हम समझ नहीं पाते थे,
आज जब ज़िन्दगी के हम,
उतार चढ़ाव देखते हैं,
हर मोड़ पर संयम रखने की,
कोशिश में लगे रहते हैं,
तब दादा जी याद,
हमे बहुत आते हैं,
दादा जी के अनुसार जिसकी
जेब में पैसा है, मुंह में जुबान,
पहुँच सकता है किसी भी,
मंज़िल पर वह इंसान!
Happy National Grandparents Day!

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