*रिपोर्टर* - आपका प्रकोप दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है ? क्यों ?*मच्छर* - सही शब्द इस्तेमाल कीजिये, इसे प्रकोप नहीं फलना-फूलना कहते हैं. पर तुम इंसान लोग तो दूसरों को फलते-फूलते देख ही नहीं सकते न ? आदत से मजबूर जो ठहरे.*रिपोर्टर* - हमें आपके फलने-फूलने से कोई ऐतराज़ नहीं है पर आपके काटने से लोग जान गँवा रहे हैं, जनता में भय व्याप्त हो गया है ?*मच्छर*...
Monday, September 26, 2016
Saturday, September 24, 2016
देख पगली दिल मेँ प्यार होना चाहिए… धक-धक तो Royal Enfield भी करता है!Vo IShQ hi kYa.. Jo Aankho Se na Tapke!लाख दिये जलाले अपनी गली मे..? मगर रोशनी तो हमारे आने से ही होगी.Sahara dudhne ki adat Humari nhi, Hum akele hi puri mehfil ke baraber hai.इंसान सिर्फ आग से नहीं जलता, कुछ लोग तो हमारे अंदाज से जल जाते है।गहरी साज़िशों का दौर है,...
Wednesday, September 21, 2016
ये चुटकी भर सिन्दूर सात जन्मों का साथ है!जो अहसास दिलाता है कि कोई है जो तुम्हारे हर दुःख में आसपास है!ये सिंदूर नही तुम्हारी सामाजिक हिम्मत है!जो तुम्हे देता हर मंजर पर ताकत है!!इस सिन्दूर के अहसास को कम नही आंकना!इसे अपनी जिम्मेदारियो का बोझ मत समझना!!ये सिन्दूर बोझ नही तुम्हारी नैतिक जिम्मेदारी है!इस सिन्दूर में झलकती एक भारतीय नारी है!!इस सिन्दूर...
Monday, September 19, 2016
हमारी त्वचा काफी संवेदनशील होती है इसलिए उस पर तरह- तरह के मेकअप प्रोडक्ट आअैर केमिकल से भरे हुए प्रोडक्ट ना लगाएं तो अच्छा है. चेहरे पर हमेशा प्राकृति रूप से बने पदार्थ ही लगाने चाहिए, जिससे स्किन को कोई नुकसान ना पहुचे.आपकी किचन शेल्फ पर ऐसी कई सामग्रियां रखी हुई हैं, जिसे आप उपयोग कर के अपने चेहरे पर तुरंत ग्लो ला सकती हैं. चेहरे पर ग्लो लाना इतना...
Thursday, September 8, 2016
मेरी प्यारी प्यारी दादी,सबसे सुंदर न्यारी.जो मैं कहता वो सुनती है,सारी बात हमारी.मुंह के भीतर दांत नहीं है.कुछ ऊँचा भी सुनती.दुबले पतले हाथों से वह,स्वेटर मेरा बुनती.छोटे छोटे कौर बना कर,मुझको सदा खिलाती.राजा रानी वाले किस्से,मुझको रोज सुनाती.मम्मी मुझे मारती है जब,दादी मुझे बचाती.बड़े प्यार से हाथ फेरती,अपने पास सुलाती.Happy Grandparents Day!अकल खाती...
Sunday, August 28, 2016
Friday, August 26, 2016
बस तू नजर आयेजब भी याद करू खुदा को ,बस तू नजर आयेकि तुझमे मुझे अपना खुदा नजर आये ।ये कैसी हवाये चलने लगी हैं , आज कलकि हर झोके में लिपटा मुझे तेरा प्यार नजर आये ।कभी उदासी तो कभी ख़ुशी ,कैसा भी वक्त होतेरे साथ हर पल में मुझे जन्नत नजर आये ।कैसे कहूं कि मुझे मोहब्बत नहीं है तुमसेकि मुझे हर चेहरे में बस तेरा चेहरा नजर आये...
Thursday, August 25, 2016
सहती रहो माँ ने कहा था।सहती जाओगी तो धरती कहलाओगी दादी ने कहा।फिर वो भी कभी बही सरिता बनकभी पहाड़ हो गई कभी किसी अंकुर की माँ हो गईपर मुँह से एक शब्द भी नहीं निकाला।एक स्त्री से अन्य तक पहुँची यही बातसब अपनी-अपनी जगह होती चली गई जड़वत्बनती चली गई धरती जैसी।हर धरती के आसपास रहा कोई चाँदतपिश भी देता रहा कोई सूरजतब से...
9 अगस्त को तकरीबन 5 बजे देवघर के बेलाबगान इलाके के मंदिर के पास कतार में लगे कांवरिये अफरातफरी मचाने लगते हैं. जल्दी जल चढ़ाने की होड़ में पुलिस के घेरे और अनुशासन को तोड़ डालते हैं और उस के बाद शुरू हुई धक्कामुक्की भगदड़ में बदल जाती है. देखते ही देखते ‘बोल बम’ का जयकारा चीखपुकार में बदल जाता है. हर ओर से रोने और चिल्लाने की आवाजें आने लगती हैं. शिव...
बुरा समय बीत जाता है लेकिन, बुरे लोग मुश्किलों में साथ देने की महँगी कीमत वसूलते हैं. इसलिए हमें खुद को इतना सक्षम बनाना चाहिए कि बुरे वक्त में भी किसी बुरे व्यक्ति की मदद न लेनी पड़े.कर्ण ने बुरे समय में दुर्योधन की सहायता ली थी, इसलिए वह दुर्योधन का ऋणी बन गया.दोस्ती की भी एक मर्यादा होती है और हमें उस मर्यादा को कभी नहीं टूटने देना चाहिए. क्योंकि...