हिंदी शायरी

बहकते हुए फिरतें हैं कई लफ्ज़ जो दिल में दुनिया ने दिया वक़्त तो लिखेंगे किसी रोज़....

Tuesday, April 26, 2016

मेरा बस एक ही “कसूर” है …,

मेरे सारे “कसूरों” पर भारी....मेरा बस एक ही “कसूर” है …,
मैं उसे “पसंद” करता हूँ बस इसी बात का दिल को “गुरूर” है...!!


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