हिंदी शायरी

बहकते हुए फिरतें हैं कई लफ्ज़ जो दिल में दुनिया ने दिया वक़्त तो लिखेंगे किसी रोज़....

Wednesday, April 27, 2016

मेरे पास टाइम नहीं है ।

संता अंडरवियर लेने दुकान पर गया।
दुकानदार ने उसे 300 रूपये का अंडरवियर दिखाया।
पैसे सुनकर संता बोला:यार रोज पहनने वाला दिखाओ,पार्टीवियर नहीं चाहिए।



जगजीत सिंह गा रहे थे:
ये दौलत भी ले लो,ये शौहरत भी ले लो……
संता उठा:मैं तो बहुत परेशान हूँ,मेरी तो औरत भी ले लो.



अध्यापक: बताओ बच्चो हमारी पृथ्वी किसका चक्कर लगाती है?
संता: – “सूर्य का”
अध्यापक: बहूत अच्छा बेटे,और हमारी पृथ्वी का चक्कर कौन लगाता है?
सारे विधार्थी एक साथ: नरेंद्र मोदी!!



पुलिस दरवाजा खटखटाते हैं..
संता : कौन दरवाजा खटखटा रहा हैं?
पुलिस : हम पुलिस हैं, दरवाजा खोलो!
संता – क्यूँ खोलू ?
पुलिस – कुछ बात करनी हैं |
संता : तुम लोग कितने हो !
पुलिस : हम ३ हैं |
संता : तो सालों आपस में बात कर लो, मेरे पास टाइम नहीं है ।



संता –  बस में खड़ा था..ब्रेक लगी तो एक लड़की पर जा गिरा;
लड़की: बत्तमीज़, क्या कर रहे हो ?
संता – Engineering.. और आप ??

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