1 मोहब्बत ख़ूबसूरत होगी किसी और दुनियाँ में
इधर तो हम पर जो गुज़री है हम ही जानते हैं .!
2 साथी तो मुझे अपने सुख के लिए चाहिए
दुखों के लिए तो मैं अकेला काफी हूँ .
3 इतने कहाँ मशरूफ हो गए हो तुम,
आजकल दिल दुखाने भी नहीं आते .!
4 यू पलटा मेरी किस्मत का सितारा मेरे दोस्तो
उसने भी छोड़ दिया और अपनों ने भी
5 वाकिफ़ है वो मेरी कमज़ोरी से .!
वो रो देती है, और मैं हार जाता हूँ .
6 मैने सिखी नही कोई शायरी महफिलों मे जाकर !
हालात अक्सर दर्द सहना सिखा देते है
7 मुश्किल होता है जवाब देना.
जब कोई खामोश रह करभी सवाल कर लेता है!
8 दुआ कभी खाली नही जाती,
बस लोग इंतजार नही करते
9 जिसे आज मुजमे हजार एब नजर आते हे,
कभी वही लोग हमारी गलती पे भी ताली बजाते थे !!
10 दिन ऐसे गुजारो की रात को चैन से सो सको
और रात ऐसी गुजारो की सुबह खुद से नजरे मिला सको.
11 देखना एक दिन बदल जाऊगा पूरी तरह
मैं तुम्हारे लिए न सही लेकिन . तुम्हारी वजह से ही सही !!
12 देखकर तुमको अकसर हमें एहसास होता है
कभी कभी ग़म देने वाला भी कितना ख़ास होता है.
13 दुनिया को इतना सीरियस लेने की जरुरत नहीं,
यहाँ से कोई जिन्दा बच के नहीं जाएगा !!!
14 दुआ कभी खाली नही जाती,
बस लोग इंतजार नही करते.
15 नाम और बदनाम में क्या फर्क है ? नाम खुद कमाना पड़ता है,
और बदनामी लोग आपको कमा के देते हैं!
16 सोने के जेवर ओर हमारे तेवर
लोगो को अक्सर बहोत मेंहगे पडते हे.
17 ढूंढ़ रहा हु लेकिन नाकाम हु अभी तक,
वो लम्हा जिस में तुम याद ना आये,
18 तरक्की की फसल, हम भी 'काट' लेते .
थोड़े से तलवे, अगर 'हम' भी चाट लेते.
19 तेरी मोहब्बत पर मेरा हक़ तो नही मगर
जी चाहता है क़ि आखिरी सांस तक तेरा इन्तजार करू !!
20 तेरे ही नाम से ज़ाना जाता हूं मैं,
ना जाने ये शोहरत है या बदनामी.
21 तुम वादा करो आखरी दीदार करने आओगे,
हम मौत को भी इंतजार करवाएँगे तेरी ख़ातिर,
22 बात इतनी सी थी कि तुम अच्छे लगते थे,
अब बात इतनी बढ़ गई है कि तुम बिन कुछ अच्छा नहीं लगता!!!
23 बेमतलब की जिंदगी का सिलसिला ख़त्म !
अब जिसतरह की दुनियां, उस तरह के हम .!!
24 मंदिर भी क्या गज़ब की जगह है!
गरीब बाहर भीख मांगते हैं, और अमीर अन्दर.
25 मालुम था कुछ नही होगा हासिल लेकिन .
वो इश्क ही क्या जिसमें खुद को ना गवायाँ जाए.
26 मैंने समुन्दर से सीखा है जीने का सलीका,
चुपचाप से बहना और अपनी मौज में रहना.
27 मैँने अपना गम आसमान को क्या सुना दिया .
शहर के लोगों ने बारीश का मजा ले लिया.
28 मूंगफली में छिलके और छोरी में नखरे
ना होते तो जिंदगी कितनी आसान हो जाती.
29 में उन ही चीज़ों का शोख़ रखता हु जो मुझे मिलती हे ।
उन चिंजो का नहीं जिनकी इजाजत मेरे माँ बाप नहीं देते .
30 मेरा वक्त बदला है . रूतबा नहीं
तेरी किस्मत बदली है. औकात नहीं ।
31 मेरे मरने के बाद मेरी कहानी लिखना,
कैसे बर्बाद हुई मेरी जवानी लिखना.
32 मुझे जॉब करने का कोई सोख नहीं है
ये तो मम्मी-पापा की जींद है की तेरे लिए छोरी कहा से धुंध के लाएंगे.
33 रुलाने मे अक्सर उन्हीँ लोगो का हाथ होता है
जो हमेशा कहते है कि तुम हँसते हुए अच्छे लगते हो.
34 वो तो खिलोने वाले की मजबूरी है वरना
बच्चो को रोते हुए देखना उसे भी अच्छा नही लगता ।
35 वो काग़ज़ आज भी फूलों की तरह महकता है
जिस पर उसने मज़ाक़ में लिखा था मुझे तुमसे मोहब्बत है.
36 शेर खुद अपनी ताकत से राजा केहलाता है,
जंगल मे चुनाव नही होते.
37 अब मैं कोई भी बहाना नहीं सुनने वाला
तुम मेरा प्यार मुझे प्यार से वापस कर दो.
38 अब किसी और से मोहब्बत कर लूं,
तो शिकायत मत करना ये बुरी आदत भी मुझे तुमसे ही लगी है .!
39 अर्ज़ किया है ज़िन्दगी में अगर ग़म न होते
तो शायरों की गिनती में हम न होते.
40 अगर कहो तो आज बता दूँ मुझको तुम कैसी लगती हो।
मेरी नहीं मगर जाने क्यों, कुछ कुछ अपनी सी लगती हो।
41 अजीब तमाशा है मिट्टी से बने लोगो का,
बेवफाई करो तो रोते है और वफा करो तो रुलाते है ॥
42 आज टूटा एक तारा देखा, बिलकुल मेरे जैसा था।
चाँद को कोई फर्क नहीं पड़ा, बिलकुल तेरे जैसा था।।
43 इतना भी गुमान न कर आपनी जीत पर ऐ बेखबर,
शहर में तेरे जीत से ज्यादा चर्चे तो मेरी हार के हैं !!
44 इतनी कामीयाबि हाँसिल करूंगा की
तुझे माफी मांगने के लिये भी लाईन मेँ खडा होना पडेगा.
45 करेगा जमाना कदर हमारी भी एक दिन देख लेना .
बस जरा ये भलाई की बुरी आदत छुट जाने दो.
46 क़दर किरदार की होती है वरना
कद में तो साया भी इंसान से बड़ होता है
47 कांटो से बच बच के चलता रहा उम्र भर .
क्या खबर थी की चोट एक फूल से लग जायेगी.
48 काश तुम मेरी मौत होते तो,
एक दिन जरुर मेरे होते.
49 क्या किसी से शिकायत करें
जब अपनी तक़दीर ही बेवफा है।
50 क्यों गुरूर करते हो अपने ठाठ पर .
मुट्ठी भी खाली रहेगी जब पहुंचोगे घाट पर
51 इस दुनिया मे कोई किसी का हमदर्द नहीं होता .
लोग ज़नाजे के साथ भी होते हैं तो सिर्फ अपनी हाजिरी गिनवाने के लिए.
52 बताँऊ तुम्हें एक निशानी उदास लोगों की .
कभी गौर करना यें हसंते बहुत हैं
53 तुम आस पास ना आया करो जब मैं शराब पीता हूँ .
क्या है कि मुझसे दुगना नशा सभांला नहीं जाता.
54 इश्क की पतंगे उडाना छोड़ दी .
वरना हर हसीनाओं की छत पर हमारे ही धागे होते.
55 मैंने भी बदल दिये ज़िन्दगी के उसूल,
अब जो याद करेगा . सिर्फ वो ही याद रहेगा .!!
56 मैंने पूछा एक पल में जान कैसे निकलती है,
उसने चलते चलते मेरा हाथ छोड़ दिया .
57 पहले हमें भी मोहबत का नशा था यारो
पर जब से दिल टूटा है नशे से मोहबत हो गई है
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