हिंदी शायरी

बहकते हुए फिरतें हैं कई लफ्ज़ जो दिल में दुनिया ने दिया वक़्त तो लिखेंगे किसी रोज़....

Saturday, June 4, 2016

कैसे लफ्जो‬ से ‪बयां करू‬ मैं ‪खुबसूरती तुम्हारी,,,,,


कैसे लफ्जो‬ से ‪बयां करू‬ मैं ‪खुबसूरती तुम्हारी,,,,,
कि ‎हुस्न‬ का ‎झरना‬ भी ‎तुम हो‬ ‎इश्क‬ का ‎दरीया‬ भी तुम हो....!! 


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