हिंदी शायरी

बहकते हुए फिरतें हैं कई लफ्ज़ जो दिल में दुनिया ने दिया वक़्त तो लिखेंगे किसी रोज़....

Wednesday, June 8, 2016

न करो जुर्रत....

न करो जुर्रत....किसी के वक़्त पे हंसने की कभी,,,,,
ये वक़्त है जनाब....चेहरे याद रखता है....!!




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